अग्नि के सात फेरे जब स्त्री-पुरुष लेकर विवाह के पवित्र बन्धन में बन्धते है तो समझो दुनिया के समन्दर में दो यात्री भविष्य की यात्रा के लिये निकलते हैं। इस हालत में औरत आंख मून्द कर आदमी की उंगली पकड़ लेती है; लेकिन आदमी का शक वहम बनकर औरत के अतीत में दूसरे पुरुष को तलाशने की कोशिश करता रहता है। जब आदमी को अपनी औरत के साथ शादी से पहले जुड़ा किसी दूसरे आदमी का साया दिखाई देता है तो उसका वहम विश्वास बन कर जीवन-यात्रा को अन्धेरे के पड़ाव पर खड़ा कर देता है। तब आदमी के जुल्म और औरत के बरदाश्त की कहानी शुरू होती है जिसका नाज़ायज फायदा तीसरा अदमी उठाना चाहता है।
समीर और सुमन के विवाहित जीवन में ऐसा ही हुआ। समीर की गैरमजूदगी में गनसालवीस नाम का खौफनाक आदमी यादों का कालीन खरीदने आया। बिजली बरसात के डरावने माहौल में गनसालसीस का खौफनाक रवैया तलवार की तेज़ धार बन कर सुमन की गर्दन को छूने लगा।
एक तरफ पति को वहम है कि सुमन का शादी से पहले किसी गैरमर्द से सम्बन्ध था, दूसरी तरफ शादी के बाद एक और मर्द काली स्याही बन कर उसकी तरफ बढ़ रहा है। आगे कुआ पीछे खाई। नारी जीवन के सामने ये सवाल बिच्छु के डंक की तरह है ऐसे में औरत मन की हालत क्या होगी? वो क्या कदम उठायेगी? उसके परिणाम क्या होंगे?
इन पचीदे सवालों का जवाब आपको "वहम" फिल्म देखने के बाद ही मिल सकता है।
(From the official press booklet)