सास और बहू के दरमियान हर ख़ानदान में झगड़े होते हैं। मगर हमारी अनोखी कहानी “जमाई राजा” में सास और जमाई के दरमियान झगड़ा है। करोड़पति दुर्गेश्वरी देवी निहायत ही ज़िद्दी और मगरूर किसम की औरत है। जिसने अपने पति की परवाह भी नहीं की। उसके दो लड़के हैं जो उसी की फ़ैक्टरी में मुलाज़िम हैं। उसकी लाडली बेटी रेखा बंबई में मेडिकल कालेज में पढ़ती है। घर में किसी की मजाल नहीं जो दुर्गेश्वरी देवी के हुक्म को टाल सके।
राजा के घर में उसकी माँ देवकी और मुंह बोली बहन इन्दू रहती हैं। इस घर को ग़रीबी की चादर ने ओढ़ रखा है। इन्दू दुर्गेश्वरी की फैक्टरी में ही काम करती है और उसके बड़े बेटे धीरज की मुहब्बत में गिरफ्तार हो जाती है और उससे शादी करना चाहती है जो दुर्गेश्वरी को एक आँख नहीं भाता। बंबई जैसे शहर में राजा दिन-रात नौकरी की तलाश करता है और अपने गहरे दोस्त पल्टू के साथ रहता है, इत्तफ़ाक की बात है की रेखा भी राजा से प्यार करने लगती है। जब ये ख़बर दुर्गेश्वरी का सेक्रेटरी शक्ति उसे सुनाता है तो वो आग बबूला हो जाती है और रेखा की सगाई कहीं और तय कर देती है। प्यार कभी रोके नहीं रूकता। राजा और रेखा मंदिर में चोरी छिपे शादी कर लेते हैं। दुर्गेश्वरी को मजबूरन राजा को अपना जमाई बनाना पड़ता है। इसी मोड़ पर दुर्गेश्वरी का दूर का भाई डी.डी.टी. और उसका सेक्रेटरी बीबीसी घर में दाख़िल होते हैं। डी.डी.टी. अपने को अमेरीका रिटर्नड बताता है। दर असल वो दोनों सज़ायाफ्ता कै़दी हैं। दुर्गेश्वरी उनको अपना सझती है और हर वक्त राजा के खिलाफ़ डी.डी.टी. से मश्विरा लेती है। वो चाहती है कि राजा पर झूटे अल्ज़ाम लगाकर रेखा के दिल में उसके लिये नफ़रत पैदा कर दे और रेखा उससे तलाक़ ले ले मगर सांच की आंच नहीं होती। राजा दुर्गेश्वरी घर के जमाई राजा बन कर इस उम्मीद पर रह रहा है कि एक न एक दिन दुर्गेश्वरी अपने किये पर पछतायेगी और इन्दू को अपनी बहू स्वीकार करके अपने घर ले आयेगी।
दुर्गेश्वरी का क्या हशर हुआ? राजा अपने इरादों में कामयाब हुआ कि नहीं? ये सब कुछ जानने के लिये आपको विजयलक्ष्मी आर्ट पिक्चर्स की “जमाई राजा” जैसी मिसाली तस्वीर ज़रूर देखना होगा।